कैसा हो अगर मैं आपसे कहूँ की 2000/- के असली नोटों गड्डी में आपको दे दूंगा 20/- रुपये किलो।
कभी आपने सोचा है?
RBI और Government of India के पास Rights है, की वो जितना पैसा चाहे उतना पैसा चाप सकते है।
फिर भी ये लोग limited amount में पैसा क्यों छापते है?
क्यों पैसे छाप-छापकर लोगों को अमीर नही बना देते ?
मैं आपको ये बताऊँ की limited amount में currency क्यों छापी जाती है? उसके पहले हम ये समझते है, की currency क्या होती है?
Currency एक सर्वमान्य माध्यम(medium) है, किसी भी चीज़ को अदला बदली करने का।
India में जो currency चलती है, इसकी value तभी है, जब इसके बदले में हमें सामान(goods/services) मिले।
कहने का मतलब ये है, की हमारे पास जो currency/note है, अगर उसके बदले हम कुछ खरीद ही नही पाएंगे तो हमारे पास लाखो करोड़ो रुपये होने का कोई फायदा नही होगा।
पहले क्या होता था, की मेरे पास Rice है आपके पास Milk है। मुझे Milk चहिये और आपको Rice चहिये। तो हम दोनों अदला-बदली कर लेते थे। Milk देकर Rice ले लेते थे।
लेकिन,
उसके बाद currency बनी। जिसकी एक निश्चित value होती है और इसको पूरी दुनिया में, इंडिया की बात करे तो Rupee को मानते है और इसके बदले लोग समान देने को तैयार हैं।
लेकिन क्या होगा अगर, Government बहुत सारे पैसे छाप दे और सबको अमीर बना दे? क्योंकी इनके पास Rights है और इनके पास Machines है।
India को कोई नही रोक सकता जितनी currency चाहे उतनी currency वो print करके लोगों में बाट सकते है, लेकिन ऐसा करते क्यों नही है।
ऐसा ही हुआ था Zimbabwe में 2001में, उनके जो President थे उनको लगा हमारी Country में सब गरीब है। उन्होंने सोचा क्यों न हम Machine बनाये और नोट छापना शुरू करे और हमारी Currency इतनी बाट दें की सब लोग अमीर बन जाए।
उन्होंने ऐसा ही किया। 2001 में नोट छापना शुरू कर दिया। उन्होंने इतने नोट छापे लोगो के पास नोट ही नोट हो गए।
उसके बाद हुआ ये की अगर किसी को Bread का पैकेट भी लेना पड़ता था, तो उनको भर भर कर नोटों की गड्डियां ले जानी पड़ती थी।
अब अगर उन्हें समान लेना है और हम सबके पास अधिक मात्रा में पैसा होने से उस समान की कीमत बढ़ चुकी थी।
जानिए कैसे?
सबके पास पैसा आने से Goods & Services की Demand बढ़ गयी। लोगों के पास पैसा आ जाने से कोई काम नही कर रहा था। लोगों के काम नही करने से Factors of Production पर भारी मात्रा में प्रभाव पड़ने से इसका सीधा असर Supply पर पड़ा। (Refer Law of Demand/Supply)
जब किसी चीज़ की Demand बढ़ जाती है और Supply कम हो जान से automatic Prices बढ़ जाती है।
ऐसा ही हुआ ज़िम्बोम्बेय में, उन्होंने इतने नोट छाप दिए की अगर Bread का एक पैकेट भी लेना हो तो भी बहुत सारा Cash लेकर जाना पड़ता था। फिर एक ब्रेड का पैकेट आता था।
हाँ, ये बात तो सच है की Zimbawe में सब millioners बन गए थे। लेकिन एक million के अंदर आप सिर्फ एक पेन ही खरीद सकते थे और Zimbawe पर नही रुका। उन्होंने 2002, 2003 और 2008 तक इतनी currency छापी की उन्होंने एक million तक का नोट बना दिया और तो और एक trillion तक का नोट भी बना दिया।
क्योंकि सामान के Prices इतने बढ़ चुके थे, की इतने नोट छपने के बाद में भी वो situation control नही आयी।
अगर सबके पास पैसा आ जाएगा तो Goods& Services है, उनके दाम बढ़ जाएंगे लोग काम करना छोड़ देंगे।
किसी भी देश की Economy में उतना पैसा(Money) ही सिरक्यूलते होता है, जिससे की देश के सारे Goods & Services खरीदे जा सके।
अगर Economy में इससे ज्यादा पैसा होगा, तो Inflation बढ़ेगा। जिससे महंगाई और बाकी समस्याएँ बढ़ जाएगी।
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